Hindu Calendar 2025: हिन्दू पंचांग के अनुसार, हिन्दू नववर्ष चैत्र महीने में शुरू होता है, जबकि अंग्रेजी कैलेंडर जनवरी से लेकर दिसंबर तक चलता है। हिन्दू पंचांग के महीनों के नाम इस प्रकार हैं: चैत्र, वैशाख, ज्येष्ठ, आषाढ़, श्रावण, भाद्रपद, अश्विन, कार्तिक, मार्गशीर्ष, पौष, माघ और फाल्गुन। ऐसा माना जाता है कि भगवान ब्रह्मा जी ने चैत्र मास की शुक्ल प्रतिपदा से ही सृष्टि की रचना शुरू की थी।
अब हम 2025 के साल के सभी प्रमुख व्रतों और त्योहारों की तिथियाँ जानेंगे, जो हिन्दू पंचांग के अनुसार निर्धारित हैं। यह सूची आपको अपने धार्मिक कार्यक्रमों और त्योहारों को सही तरीके से प्लान करने में मदद करेगी।
साल 2025 के मुख्य व्रत और त्योहारों की तिथियाँ इस प्रकार हैं:
मकर संक्रांति: 14 जनवरी 2025
बसंत पंचमी: रविवार, 2 फरवरी
होली: शुक्रवार, 14 मार्च
राम नवमी: रविवार, 6 अप्रैल
हनुमान जयंती: शनिवार, 12 अप्रैल
नाग पंचमी: मंगलवार, 7 जुलाई
श्री कृष्ण जन्माष्टमी: शुक्रवार, 15 अगस्त
शारदीय नवरात्रि: सोमवार, 22 सितंबर
करवा चौथ: शुक्रवार, 10 अक्टूबर
दीपावली: रविवार, 19 अक्टूबर
ये तिथियाँ 2025 के साल के प्रमुख हिन्दू व्रतों और त्योहारों को दर्शाती हैं।
Hindu Vrat Tyohar 2025 (January to December)
The following table highlights the major Hindu festivals and fasting dates for the year 2025, spanning from January to December. This detailed list will help you stay updated on significant dates for observance and spiritual practices throughout the year.
January 2025 – All Vrat and Festivals (जनवरी 2025 सभी व्रत एवं त्यौहार)
Date
Day
Event
01-01-2025
Wednesday
New Year (नया साल)
03-01-2025
Friday
Chaturthi Vrat (चतुर्थी व्रत)
05-01-2025
Sunday
Shasthi (षष्ठी)
06-01-2025
Monday
Guru Gobind Singh Jayanti (गुरु गोविंद सिंह जयंती)
Margashirsha Purnima, Indian Navy Day, Annapurna Jayanti
05-12-2025
Friday
हिंदू कैलेंडर के महीने और उनके प्रमुख व्रत और त्यौहार
चैत्र माह – इस माह में नए साल की शुरुआत होती है। इस महीने के प्रमुख त्यौहारों में चैत्र नवरात्रि, जो देवी दुर्गा की पूजा का पर्व है, राम नवमी, जो भगवान राम के जन्म का दिन है, और हनुमान जयंती, जो भगवान हनुमान की जयंती के रूप में मनाई जाती है, शामिल हैं।
वैशाख माह – वैशाख माह में मोहीनी एकादशी, जो आत्मिक शांति और उन्नति के लिए उपवास करने का दिन होता है, मनाई जाती है। इसके अलावा परशुराम जयंती, जो भगवान परशुराम के जन्मोत्सव के रूप में मनाई जाती है, और नरसिंह जयंती, जो भगवान नरसिंह के अवतार की पूजा का दिन है, भी इस माह में आते हैं।
ज्येष्ठ माह – इस माह में गंगा दशहरा, जो गंगा नदी के पृथ्वी पर अवतरण का पर्व है, शीतला अष्टमी, जो देवी शीतला की पूजा का दिन है, और वट सावित्री व्रत, जिसमें विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत करती हैं, प्रमुख हैं। इस महीने में निर्जला एकादशी भी मनाई जाती है, जो सबसे कठिन व्रतों में से एक है।
आषाढ़ माह – आषाढ़ माह में योगिनी एकादशी, जो विशेष रूप से आत्मिक शांति के लिए व्रत का दिन होता है, और भगवान श्री जगन्नाथ की रथ यात्रा, जो एक प्रमुख धार्मिक उत्सव है, मनाई जाती है। इसके साथ ही देवशयनी एकादशी भी होती है, जो देवताओं के चार महीने के शयनकाल की शुरुआत होती है।
सावन माह – सावन में श्रावण पुत्रदा एकादशी और रक्षाबंधन प्रमुख त्यौहार होते हैं। रक्षाबंधन भाई-बहन के रिश्ते को मनाने वाला पर्व है, जबकि पुत्रदा एकादशी संतान सुख के लिए व्रत करने का दिन है।
भाद्रपद माह – इस माह में कृष्ण जन्माष्टमी, जो भगवान श्री कृष्ण के जन्म का पर्व है, और अनंत चतुर्दशी, जो गणेश विसर्जन के साथ मनाई जाती है, प्रमुख हैं।
अश्विन माह – अश्विन माह में शरद पूर्णिमा, जो विशेष रूप से शरद ऋतु के आगमन का प्रतीक है, पितृ पक्ष, जो हमारे पूर्वजों की आत्मिक शांति के लिए समर्पित होता है, और दुर्गा नवरात्रि और दशहरा जैसे प्रमुख त्यौहार आते हैं। दशहरा अच्छाई की बुराई पर विजय का प्रतीक है।
कार्तिक माह – इस माह में देवउठनी एकादशी, रमा एकादशी, धनतेरस, दिवाली, नरक चतुर्दशी, भाई दूज, और गोवर्धन पूजा प्रमुख पर्व होते हैं। दिवाली, जो दीपों का त्यौहार है, इस माह का सबसे बड़े और प्रसिद्ध त्यौहारों में से एक है।
मार्गशीर्ष माह – इस माह में मोक्षदा एकादशी और विवाह पंचमी प्रमुख होते हैं। विवाह पंचमी भगवान राम और सीता के विवाह का उत्सव है।
पौष माह – पौष माह में सफला एकादशी, पौष पुत्रदा एकादशी, और वैकुंठ एकादशी प्रमुख व्रत होते हैं। वैकुंठ एकादशी को विशेष रूप से मोक्ष प्राप्ति के लिए व्रत किया जाता है।
माघ माह – इस माह में मकर संक्रांति, जो नए फसल के आगमन का प्रतीक है, षटतिला एकादशी, मौनी अमावस्या, लोहड़ी, और वसंत पंचमी प्रमुख त्यौहार होते हैं। वसंत पंचमी बसंत ऋतु के स्वागत का प्रतीक है।
फाल्गुन माह – इस माह का प्रमुख त्यौहार होली है, जो रंगों का पर्व है और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।