Pradosh Vrat 2025: प्रदोष व्रत भगवान भोलेनाथ की आराधना के लिए समर्पित है और हिंदू धर्म में इसका विशेष महत्व है। यह व्रत हर महीने दो बार मनाया जाता है, एक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को और दूसरा शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को। प्रदोष व्रत की पूजा संध्याकाल के समय की जाती है, जिसे भगवान शिव का सबसे प्रिय समय माना गया है।
स्कंध पुराण के अनुसार, जो व्यक्ति इस दिन पूजा-पाठ और व्रत करता है, उसके जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से सभी प्रकार के दुख और कष्ट समाप्त हो जाते हैं।
तो आइए जानते हैं साल 2025 में आने वाले सभी प्रदोष व्रतों की तिथियां और दिन।
प्रदोष व्रत और इनके लाभ
प्रदोष व्रत त्रयोदशी तिथि के दिन मनाया जाता है, और जिस दिन यह व्रत पड़ता है, उसी के नाम से इसे पहचाना जाता है। अगर त्रयोदशी तिथि रविवार को हो, तो उसे रवि प्रदोष कहा जाएगा। इसी तरह, यह व्रत अन्य दिनों पर पड़ने पर सोम प्रदोष, मंगल प्रदोष आदि नामों से जाना जाता है। आइए जानते हैं, किस प्रदोष व्रत के क्या लाभ होते हैं।
- रवि प्रदोष (Ravi Pradosh Vrat): स्वास्थ्य और लंबी आयु प्राप्त करने के लिए।
- सोम प्रदोष (Som Pradosh Vrat): ग्रह दोष निवारण के लिए।
- मंगल प्रदोष (Mangal Pradosh Vrat): बीमारियों से मुक्ति और अच्छे स्वास्थ्य के लिए।
- बुध प्रदोष (Budh Pradosh Vrat): सभी इच्छाओं की पूर्ति के लिए।
- गुरु प्रदोष (Guru Pradosh Vrat): शत्रुओं के नाश के लिए।
- शुक्र प्रदोष (Shukra Pradosh Vrat): सौभाग्य और वैवाहिक जीवन में सुख-शांति के लिए।
- शनि प्रदोष (Shani Pradosh Vrat): संतान सुख प्राप्त करने के लिए।
हर प्रदोष व्रत का अलग-अलग महत्व और लाभ है, इसलिए इसे श्रद्धा और विश्वास के साथ करना शुभ माना जाता है।
Pradosh Vrat 2025: तिथियों की सूची और व्रत की विधि
प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित एक पावन व्रत है, जो हर महीने की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। यह व्रत व्यक्ति को सुख-समृद्धि और शांति प्रदान करता है। प्रदोष व्रत में शिव जी और माता पार्वती की पूजा की जाती है, जिससे सभी प्रकार के कष्ट दूर होते हैं। यहां 2025 में आने वाले प्रदोष व्रत की तिथियों और उनसे जुड़े लाभों की जानकारी दी गई है।
प्रदोष व्रत 2025 की तिथियां
माह | तिथि | दिन | व्रत का प्रकार |
---|---|---|---|
जनवरी 2025 | 11 जनवरी | शनिवार | शनि प्रदोष व्रत |
27 जनवरी | सोमवार | सोम प्रदोष व्रत | |
फरवरी 2025 | 9 फरवरी | रविवार | रवि प्रदोष व्रत |
25 फरवरी | मंगलवार | भौम प्रदोष व्रत | |
मार्च 2025 | 11 मार्च | मंगलवार | भौम प्रदोष व्रत |
27 मार्च | गुरुवार | गुरु प्रदोष व्रत | |
अप्रैल 2025 | 10 अप्रैल | गुरुवार | गुरु प्रदोष व्रत |
25 अप्रैल | शुक्रवार | शुक्र प्रदोष व्रत | |
मई 2025 | 9 मई | शुक्रवार | शुक्र प्रदोष व्रत |
24 मई | शनिवार | शनि प्रदोष व्रत | |
जून 2025 | 8 जून | रविवार | रवि प्रदोष व्रत |
23 जून | सोमवार | सोम प्रदोष व्रत | |
जुलाई 2025 | 8 जुलाई | मंगलवार | भौम प्रदोष व्रत |
22 जुलाई | मंगलवार | भौम प्रदोष व्रत | |
अगस्त 2025 | 6 अगस्त | बुधवार | बुध प्रदोष व्रत |
20 अगस्त | बुधवार | बुध प्रदोष व्रत | |
सितंबर 2025 | 5 सितंबर | शुक्रवार | शुक्र प्रदोष व्रत |
19 सितंबर | शुक्रवार | शुक्र प्रदोष व्रत | |
अक्टूबर 2025 | 4 अक्टूबर | शनिवार | शनि प्रदोष व्रत |
18 अक्टूबर | शनिवार | शनि प्रदोष व्रत | |
नवंबर 2025 | 3 नवंबर | सोमवार | सोम प्रदोष व्रत |
17 नवंबर | सोमवार | सोम प्रदोष व्रत | |
दिसंबर 2025 | 2 दिसंबर | मंगलवार | भौम प्रदोष व्रत |
7 दिसंबर | बुधवार | बुध प्रदोष व्रत |
प्रदोष व्रत की विधि
व्रत का पालन कैसे करें:
- व्रत के दिन सूर्योदय से पहले उठें और नित्यकर्मों से निवृत्त होकर भगवान शिव का ध्यान करें।
- पूरे दिन व्रत रखें और भोजन ग्रहण न करें।
- सूर्यास्त से पहले स्नान कर सफेद वस्त्र पहनें।
- शिव पंचाक्षरी मंत्र ‘ॐ नमः शिवाय’ का 108 बार जाप करें।
- शिव चालीसा का पाठ करें और शिव जी की आरती जरूर करें।
- दान-पुण्य करें और जरूरतमंदों को भोजन कराएं।
इस व्रत को श्रद्धा और भक्ति से करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और जीवन के कष्टों से मुक्ति मिलती है।